

कोई संक्रमित व्यक्ति 5 से 100 मीटर के दायरे में आता हैं तो एप के माध्यम से उसका अलर्ट मिल जाएगा। इसके साथ ही यह चेतावनी देगी कि आप उन स्थानों पर न जाएं, जहां संभावित संक्रमित व्यक्ति पिछले 24 घंटे में आया हो।
विश्वविद्यालय के फैकल्टी अजय शर्मा ने बताया कि इस एप को कवच का नाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 16 मार्च को कोविड-19 समाधान चुनौती लांच किया था। इस चुनौती के जरिए 31 मार्च तक कोरोना वायरस से रोकथाम के लिए इनोवेटिव समाधान आमंत्रित किए थे। विश्वविद्यालय की टीम ने चुनौती को स्वीकार करते हुए 10 दिन की कड़ी मेहनत के बाद यह मोबाइल एप तैयार किया है।
अजय शर्मा ने बताया कि फिलहाल एप को तैयार कर इसका प्रोटोटाइप भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भेज दिया गया है। एप को प्ले स्टोर पर उपलब्ध करवाने के लिए गूगल इंडिया को भी भेजा गया है। केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद यदि ऐप व्यवहार में आता है तो यह देश के साथ-साथ दुनिया भर में कोरोना संक्रमण कोे रोकने में एक कारगर उपाय साबित हो सकता है।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने स्टार्ट-अप टीम के प्रयासों की सराहना की है। कुलपति ने कहा कि कोरोना महामारी दुनिया भर में मानव जाति के लिए संकट बनती जा रही है। इससे निपटने के लिए रोकथाम ही बेहतर विकल्प है।