कर्णप्रयाग। ट्रांसपोर्ट नगर का सपना तो साकार नहीं हो पाया, लेकिन पिछले कुछ सालों से कालेश्वर में हुए अवैध खनन ने यहां की तस्वीर जरूर बिगाड़ दी है। बरसात में यहां खनन से बने गड्ढे हादसों और बीमारियों का कारण बन रहे हैं।
वर्ष 1985-86 में जनपद के कालेश्वर में ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की कवायद शुरू हुई, इसके लिए कालेश्वर और जयकंडी के ग्रामीणों से न्यूनतम दरों पर 244 नाली जमीन भी खरीदी गई, लेकिन जमीन कर्णप्रयाग से करीब छह किमी दूर होने की वजह से विभागों ने वहां कार्यालय बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। स्थिति यह है कि भूमि पर 22 सरकारी विभागों के कार्यालयों के भवन सहित पार्क और पार्किंग की व्यवस्था होनी थी, लेकिन आज तक यहां केवल आरटीओ कार्यालय का भवन ही बन पाया है और खाली पड़ी जमीन का फायदा खनन माफियों ने उठाया। खनन से उक्त स्थान पर बीस से साठ मीटर तक चौड़े और गहरे गड्ढे बने हुए हैं, जो आए दिन दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। साथ ही गड्ढों में भरे पानी में पनप रहे मच्छरों से आसपास के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। कालेश्वर के उप प्रधान हरीश चौहान का कहना है कि शासन-प्रशासन की बेरुखी का फायदा खनन माफियाओं ने उठाया है।
ट्रांसपोर्ट नगर के नाम से पर्यटन विभाग में अलग खाता है, जिन विभागों के नाम जमीन उपलब्ध है। यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे उसकी सुरक्षा और देखरेख करें। प्रशासन का सीधा हस्तक्षेप नहीं है, भूमि का सीमांकन कर संबंधित विभाग को सौंपना है।
– सीएस चौहान, तहसीलदार कर्णप्रयाग