रुड़की। सरकार एक तरफ जहां सस्ते राशन में कटौती करने पर तुली है, वहीं लोगों को दिया जाने वाला राशन भी घटिया किस्म का है। विभाग को सस्ते गल्ले की दुकानों से सड़ा हुआ गेहूं दिए जाने की शिकायतें मिल रही हैं।
प्रदेश सरकार ने जून से अतिरिक्त खाद्यान्न योजना को बंद कर दी है। वहीं राशन में भी कटौती कर दी गई है। यह पता नहीं है कि चावल मिलेगा या नहीं। चीनी दो महीने से नहीं बांटी गई है। बावजूद इसके सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर इस बार जो गेहूं भेजा गया है, वह सड़ा हुआ है। जिसे खरीदने में उपभोक्ता आनाकानी कर रहे हैं। मोहल्ला सोत निवासी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि वह 11 जून को राशन डीलर से गेहूं खरीदकर लाए थे। बताया कि गेहूं सड़ा हुआ था। जब डीलर से इसे वापस करने को कहा तो उसने बदलने से इनकार कर दिया। उसका कहना था कि जैसा गेहूं आया है वैसा ही बांटा जा रहा है।
उधर, एएसडीएम बीर सिंह बुदियाल का कहना है कि अगर किसी दुकान पर पहुंचा राशन घटिया है तो उसे बदलकर अच्छा राशन लाने के निर्देश डीलरों को दे दिए गए हैं। इसके लिए एसएमआई गोदाम प्रभारियों को भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है।