
नई दिल्ली

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है। दुनिया के 165 से ज्यादा देश इस जानलेवा बीमारी की जद में हैं। इटली में इस वायरस ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। भारत में भी लगातार इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं। पूरी दुनिया में अब तक 11 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, दो लाख 75 हजार से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं।
कोरोना का सबसे ज्यादा प्रकोप झेल रहा था चीन
एक समय था जब चीन कोविड-19 का सबसे ज्यादा प्रकोप झेल रहा था। वुहान में एक दिन में हजारों लोग संक्रमित हो रहे थे। लोगों की जानें जा रही थीं। सभी अस्पताल भरे हुए थे। लाखों लोग घरों में कैद थे। वुहान में इमरजेंसी लगी हुई थी। शहर को लॉकडाउन कर दिया गया था।
फिर अचानक ही खाली होने लगे अस्पतालों के बेड
फिर कुछ दिन बाद चीन में अचानक ही कोरोना वायरस के मामलों में कमी आने लगी। अस्पतालों के बेड खाली होने लगे। संक्रमित मरीज पूरी तरह ठीक होकर घर जाने लगे। चीन के लिए राहत भरी खबर तब आई जब देश में एक भी स्थानीय मामला सामने नहीं आया। और पिछले तीन दिनों से यही हो रहा है।
तीसरे दिन भी कोई स्थानीय मामला नहीं
चीन में लगातार तीसरे दिन कोरोना वायरस को कोई नया स्थानीय मामला सामने नहीं आया है। चीन ने पूरी तरह से इस जानलेवा वायरस पर रोक लगा दी है। हालांकि, अभी भी देश में आयातित (विदेश से आए लोग) मामले सामने आ रहे हैं।
कोई इलाज न होने के बाद भी कैसे लगाई रोक
सभी जानते हैं कि अभी तक इस जानलेवा बीमारी को कोई इलाज नहीं है, तो जहन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर चीन ने इसपर रोक कैसे लगाई? हम आपको बता रहे हैं कि बिना दवा चीन ने इस बीमारी पर कैसे काबू पाया।
- डब्ल्यूएचओ के अनुसार एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से 2.6 लोग संक्रमित हो सकते हैं।
- प्रसार की 10 पीढ़ियों (संक्रमितों के संपर्क में आना) के बाद पांच से छह दिन में ही यह वायरस एक दिन में 3500 लोगों में फैल जाता है।
- चीन ने सबसे पहले प्रसार की इस पीढ़ी को तोड़ा। उसने चैन ब्रेक करने के लिए लोगों के बाहर निकले पर रोक लगा दी।
- कहने के लिए चीन में लाखों लोग घरों में कैद थे, शहर लॉकडाउन थे लेकिन यह वायरस के प्रसार की चैन तोड़ने का तरीका था।
- लॉकडाउन को कुछ लोगों ने व्यक्तिगत अधिकार का उल्लंघन बताया। लेकिन लोगों की सुरक्षा के हिसाब से यह बदलाव जरूरी था।
- अमेरिका में हुए 9/11 हमले के बाद दुनिया के सभी एयरपोर्टों पर यात्रियों की ड्रैकनियन (कठोर) सुरक्षा जांच शुरू कर दी।
- एयरपोर्ट के उन सुरक्षा नियमों को लोगों ने माना क्योंकि जनहित के लिए कुछ अधिकारों को त्याग किया जा सकता है।
- चीन ने सबसे कठोर नियमों के साथ लोगों को घरों में पृथक कर दिया। ऐसा किसी भी देश के इतिहास में नहीं हुआ था।
- कंपनी और फैक्ट्रियों को बंद कर दिया, सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट पर रोक लगा दी, लोगों को घरों में कैद कर दिया।
- ऐसा करते ही कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में कमी आनी शुरू हो गई। इस वायरस का प्रसार अचानक ही कम हो गया।
- इस तरह चीन ने लाखों मामलों पर रोक लगा दी और हजारों लोगों की जानों को बचा लिया।
- लोगों को घरों में बंद करने का असर यह हुआ कि पिछले तीन दिनों में चीन में एक भी कोरोना को स्थानीय मामला नहीं आया है।
भारत में जितने 40 दिन में अब उतने एक दिन में संक्रमित मरीज
- भारत में पहले 40 दिनों में कोरोना वायरस के एक से लेकर 50 तक मामले सामने आए।
- फिर चार दिनों में देश में संक्रमित मरीजों की संख्या 50 से बढ़कर 100 तक हो गई।
- अगले चार दिनों को संक्रमितों की संख्या 100 से बढ़कर 150 पर पहुंच गई।
- उसके बाद यह वायरस तेजी से फैलने लगा और अगले दो दिन में मरीजों की संख्या 150 से बढ़कर 200 हो गई।
- पिछले एक दिन में कोविड-19 के मरीजों की संख्या 200 से 250 के ऊपर चली गई है।
- पहले 40 दिन में 50, अगले चार दिन में 50, फिर चार दिन में 50, अगले दो दिन में 50 और एक अब एक दिन में 50 से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं।
- अब भारत भी कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए चीन की तरह कदम उठा सकता है। उसी पहल के साथ पीएम मोदी ने रविवार को जनता कर्फ्यू की अपील की है।