

गुरदीप सिंह ने बताया कि वह अपने बेटे और पत्नी के साथ तीन मार्च को इटली से भारत लौटे थे। भारत आने से 4 दिन पहले उसे बुखार हुआ था लेकिन दवा खाने से ठीक हो गया था। तब सोचा कि मौसम के बदलाव के चलते बुखार हुआ होगा। दिल्ली एयरपोर्ट पर उसने बुखार के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद दिल्ली में 7 घंटे रुकने के बाद वह अमृतसर के लिए फ्लाइट से रवाना हुए।
अमृतसर एयरपोर्ट पर डॉक्टरों की टीम ने चेक किया तो उन्हें संक्रमित पाया गया और उन्हें अमृतसर मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। टेस्ट करने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वह बिना घबराए इलाज के लिए डॉक्टरों के निर्देशों का पालन करते रहे। उसे यही तसल्ली थी कि उसके परिवार में कोई पॉजिटिव नहीं पाया गया। गुरदीप का कहना था कि इलाज के दौरान डॉक्टरों और स्टाफ ने उसकी अच्छी देखरेख की और उसका मनोबल भी बढ़ाया। उन्होंने आइसोलेशन सेंटर में दी गई सेवाओं की प्रशंसा की।
गुरदीप ने कहा कि बीमारी को छिपाने से न सिर्फ अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी आप खतरा बन सकते हैं, लिहाजा यदि किसी को तेज बुखार, सूखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो तो उसे भागने या छिपने के बजाय करीबी सेहत केंद्र में जाकर अपनी जांच और इलाज कराना चाहिए और सामाजिक दूरी बनाए रखनी चाहिए। गुरदीप ने सभी से सरकार की तरफ से लागू किए गए लॉकडाउन का पालन करने की अपील की।