कैसे रखें याद, रोज बदल रहा गुरु का चेहरा

झंडूता (बिलासपुर)। बच्चे हर रोज बस्ता उठाकर स्कूल आ रहे हैं। इसके बावजूद गुरु का चेहरा उनके लिए अपरिचित है। आज एक तो कल दूसरा शिक्षक उन्हें पढ़ाने पहुंच रहा है। यह हालत है झंडूता शिक्षा खंड के अंतर्गत पपलोआ पंचायत के प्राइमरी स्कूल जोहड़-सुंदरी की। नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन स्कूल में एक भी अध्यापक नहीं है। दूसरे स्कूलों से किसी को डेपुटेशन पर भेजकर काम चल रहा है। इससे अभिभावकों में गहरा रोष है।
जानकारी के अनुसार जोहड़-सुंदरी प्राथमिक पाठशाला में पहली से पांचवीं कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी दो अध्यापकों पर थी। करीब छह माह पूर्व उनमें से एक शिक्षक का तबादला हो गया। ऐसे में पांचों कक्षाएं एक ही अध्यापक के जिम्मे रह गई। इकलौते अध्यापक ने जैसे-तैसे सत्र पूरा किया। अभिभावकों को उम्मीद थी कि नए सत्र से हालात सुधरेंगे, लेकिन अब एकमात्र अध्यापक का भी स्थानांतरण हो गया है। ऐसे में लोग अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
अभिभावकों मस्तराम चौधरी, अमीचंद, इंद्र सिंह, बिशनदास, सुरेश, राकेश, बंशीराम, प्रेम सिंह, मैहतूराम, चंदूराम, मनशाराम, नरैणदास, ठाकुर दास, केवल सिंह, आशा, रोशनी, कश्मीरी देवी, शीला, प्रेमी देवी, विमला, रामलाल, कृष्णुराम व दाताराम आदि ने कहा कि दूसरे स्कूलों से कभी एक तो कभी दूसरे शिक्षक को प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा रहा है। इससे पढ़ाई का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। जोहड़-सुंदरी स्कूल दुर्गम क्षेत्र में है। आसपास कोई अन्य स्कूल भी नहीं है। ऐसे में उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है। उन्होंने स्कूल में शिक्षकाें के रिक्त पद जल्द भरने की मांग की है। उधर, एसएमसी अध्यक्ष श्यामलाल ने कहा कि रिक्त पद भरने का प्रस्ताव पारित करके विभाग को भेजा गया है। कार्यकारी खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी सतपाल पराशर ने कहा कि उन्होंने हाल ही में कार्यभार संभाला है। इसके चलते उन्हें अधिक जानकारी नहीं है। इस बारे जानकारी हासिल कर समस्या का समाधान किया जाएगा।

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