सोलन
मशरूम अनुसंधान निदेशालय चंबाघाट, सोलन पहली बार मशरूम का वाइट सॉस पाउडर तैयार कर रहा है। इसे सालों तक स्टोर कर रख सकेंगे। इसकी गुणवत्ता पर असर नहीं पड़ेगा। यह सॉस जहां कैंसर से लड़ने में सहायक होगा, वहीं कॉलेस्ट्राल समेत कई अन्य बीमारियों को भी नियंत्रित रखेगा। इसके सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होगा। निदेशालय के वैज्ञानिकों ने इस पर काम शुरू कर दिया है। दूध, मैदा, विनेगर, चीज और शिटाके मशरूम से यह पाउडर तैयार किया जा रहा है। शुरुआती दौर में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। इसका न केवल स्वाद बेहतर है, बल्कि पाउडर से सॉस बनाने की प्रक्रिया भी आसान है। तीन-चार माह के भीतर यह बाजार में उपलब्ध होगा। उधर, मशरूम निदेशालय की वैज्ञानिक डॉ. अनुराधा ने बताया कि वह पहली बार मशरूम का वाइट सॉस पाउडर तैयार कर रहीं है। शुरुआती चरण में इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इसके रोजाना सेवन से शरीर को फायदा होगा।
अभी तक व्हाइट सॉस लिक्विड ही मिलता है बाजार में
अभी तक बाजारों में व्हाइट सॉस लिक्विड ही मिलता है, जो कुछ माह में खराब हो जाता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि पहली बार मशरूम के साथ वाइट सॉस पाउडर तैयार किया जा रहा है, जिसे सालों तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। उपयोग करने के लिए इसे गुनगुने पानी में डालना होगा। यह तुरंत तैयार हो जाएगा। इसे पास्ता, सैंडविच, सलाद और सब्जियों के साथ खाया जा सकेगा।
गुणों से है भरपूर
शिटाके मशरूम में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी ऐजिंग के गुणों के साथ-साथ विटामिन डी, जिंक और सेलेनियम भरपूर मात्रा में होता है। इस कारण इस मशरूम का इस्तेमाल कई दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है।
निदेशालय के वैज्ञानिक पहली बार शिटाके मशरूम के साथ यह पाउडर तैयार कर रहे हैं। जल्द ही यह बाजार में उपलब्ध होगा।-डॉ वीपी शर्मा, निदेशक मशरूम अनुसंधान निदेशालय, चंबाघाट सोलन