ऊना। जिला मुख्यालय स्थित एक सरकारी स्कूल में लाखों के गोलमाल का मामला प्रकाश में आया है। स्कूल प्रशासन ने स्कूल परिसर में शीशम के पेड़ को काट कर लकड़ी का गोलमाल कर दिया। वन विभाग ने पेड़ को काटने की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि पेड़ से निकलने वाली इमारती लकड़ी से स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए डेस्क, मेज या अन्य चीजों का निर्माण किया जाए। स्कूल प्रशासन ने पेड़ को काटने के बाद महज दो दरवाजे बनवाए और बाकी लकड़ी का गोलमाल कर दिया।
उप-शिक्षा निदेशक ने गोलमाल पर स्कूल प्रशासन से जवाब मांगा है। बताया जा रहा है कि पेड़ को काटने के बाद इससे दस दस फीट के 22 स्लीपर निकले। छोटे साइज की अन्य कड़ियां तथा लकड़ी भी थी। स्लीपरों का चिरान नंगल मार्ग पर स्थित एक आरा मशीन में कराया गया। स्कूल के लिए महज दो दरवाजों का निर्माण करवाकर बची हुई शेष लकड़ी गायब कर दी गई। जानकारों के अनुसार दो दरवाजों के लिए महज तीन स्लीपर ही काफी हैं। शीशम के दस फुट के एक स्लीपर की बाजार कीमत छह से आठ हजार रुपये बताई जा रही है। मिली भगत से किए गए इस गोलमाल पर उप-शिक्षा निदेशक ने स्कूल प्रशासन से जवाब मांगा है। शिक्षा उपनिदेशक निर्मल रानी ने कहा कि लकड़ी गायब करना गलत है। स्कूल परिसर में लगा पेड़ स्कूल की प्रापर्टी में शामिल है। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासन से इस संबंध मेंजवाब मांगा गया है। पूरे प्रकरण की जांच होगी।