
कांगड़ा। पिछले विस सत्र में पक्ष और विपक्ष से अलग बैठे विधायक पवन काजल अब कांग्रेस के एसोसिएट विधायक बन गए हैं। भारतीय जनता युवा मोर्चा से राजनैतिक कैरियर की शुरुआत करने के बाद विस चुनाव से पहले भाजपा के प्रदेश पंचायती राज प्रकोष्ठ के सह संयोजक रह चुके पवन काजल अब कांग्रेस के रंग में रंग गए हैं।
भाजपा की टिकट लेने में दिल्ली तक चली जद्दोजहद के बावजूद हताश न होकर बतौर निर्दलीय चुनाव जीत अपना सियासी दम दिखा चुके विधायक के कांग्रेस में शामिल होने से कांगड़ा की सियासत गरमा गई है। हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, पर पुख्ता सूत्र काजल के एसोसिएट विधायक बन जाने की पुष्टि कर रहे हैं। इसे काजल समर्थकों का दबाव मानें या फिर सरकार के साथ चलने की सियासी मंशा लेकिन कभी भाजपा की संगठनात्मक गतिविधियों में शरीक होने वाले विधायक ने कांग्रेस का दामन थाम कांगड़ा की राजनीति में गरमाहट ला दी है। भाजपा में टिकट के दावेदारों के लिए यह चाहे अच्छी खबर हो पर कांग्रेस के कई नेताओं को यह फैसला खरा न लगे। जाहिर है इस फैसले से कइयों के राजनैतिक भविष्य पर असर पड़ सकता है।
सूत्र बताते हैं कि काजल कई दिनों से शिमला में डटे थे। कांग्रेस में उन्हें एसोसिएट विधायक बनाने की मदद पार्टी के कुछ बड़े नेता कर रहे थे। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से पुष्ट आश्वासन मिलने के बाद ही यह मुहिम सिरे चढ़ी। पवन कहते हैं कि कांगड़ा की जनता ने उन्हें आजाद उम्मीदवार के तौर पर जिताया था। यह मेरा नहीं, उसी जनता का फैसला है। यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री ने उन्हें एसोसिएट विधायक बनाने के लिए हामी भर दी है, इस पर उन्होंने तपाक से जवाब दिया बिल्कुल। जनता के लिए सत्ता के साथ चलना ही मेरा फर्ज है।