करशैईगाड़ घाटी के लोगों की पूरी होगा मुराद

कुल्लू। साल 2006 से शुरू हुआ राणाबाग-कांडीबाग सड़क का निर्माण कार्य कब पूरा होगा। इसका इंतजार करशैईगाड़ घाटी के लोगों को पिछले आठ सालों से था।
अब घाटी की छह पंचायतों की 30 गांव के लोगाें की मुराद जल्द ही पूरी होने जा रही है। लोनिवि आनी ने चलात्थर में लगने वाला पुल का सामान मौके पर पहुंचा दिया और पुल की फाउंडेशन का काम भी शुरू कर दिया है। विभाग ने दावा किया है कि इस साल सेब सीजन तक सड़क का काम पूरा कर इसका उद्घाटन कर जनता को समर्पित किया जाएगा। विभाग के अधिकारियाें का कहना है कि विभाग इस सड़क निर्माण पर पूरी नजर रखे हुए और समय-समय पर काम का जायजा में लिया जा रहा है। विभाग का कहना है कि पुल की फाउंडेशन तैयार होते ही एक सप्ताह के भीतर पुल बन कर तैयार होगा और इसके बाद सड़क की फीनिशिंग का कार्य शुरू होगा। लोनिवि आनी के अधिशासी अभियंता अनिल शर्मा तथा सहायक अभियंता किशोरी लाल सुमन ने कहा कि पुल निर्माण के साथ मशीनरी द्वारा सड़क का कार्य भी चला हुआ है। गौर हो कि 4.76 करोड़ की लागत से बनने वाली राणाबाग-कांडीबाग सड़क का निर्माण कार्य 2006 से चला हुआ है। मात्र 13 किलोमीटर सड़क का इतने लंबे अरसे तक पूरा न होने से घाटी की फनौटी, करशैईगाड़, टकरासी, लगौटी तथा सीमांत लगती मंडी जिला की दो पंचायतों के गांव को सड़क असुविधा से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों भी इन पंचायतों के लोग अपने खाद्य सामग्री व अन्य सामान को पीठ पर उठाने को विवश है। खास कर सेब सीजन के समय इलाके बनाला, छलाच, बालू, कांडीबाग, जुहड़, लोट, ड़हाड़, देहुरी, जैबाग, कोट, घुहाटन, कवाटन, खाटू, बगोला, फनौटी, निचली फनौटी, गनोचा, बलेहड़ आदि गांव के बागवानों को आधी कमाई सेब भाड़ेक पर खर्च करनी पड़ती है। लोनिवि ने इस साल सेब सीजन तक सड़क का पूरा होने का दावा किया है।

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