कमरों में भरे पड़े हैं डेस्क, कक्षाएं बाहर

भल्याणी (कुल्लू)। बच्चों की सुविधा के लिए बनी योजना अब उन्हीं पर भारी पड़ रही है। बैकवर्ड एरिया सब प्लान के तहत कई स्कूलों में इतने डेस्क खरीद लिए गए कि स्कूलों में बच्चों के लिए बैठने को जगह भी नहीं बची है। कमरों में डेस्क ठूंस दिए हैं और बच्चों की कक्षाएं बाहर खुले में लग रही हैं।
योजना के तहत हर साल डेस्क की खरीददारी से कुल्लू जिला के कई स्कूलों में ऐसे हालात बन गए हैं। बैकवर्ड एरिया सब प्लान के तहत इस प्लान की राशि से स्कूलों के डेस्क और ब्लैकबोर्ड खरीदने का प्रावधान है। इस योजना की राशि कई जगह स्कूल प्रबंधन समिति और विद्यार्थियों के लिए आफत बन गई है। योजना के तहत बैकवर्ड क्षेत्र के स्कूलों को हर साल लाखों रुपये का बजट मिल रहा है। इस राशि से डेस्क और ब्लैकबोर्ड ही खरीदे जा सकते हैं। लिहाजा कई स्कूलों में छात्र संख्या की अपेक्षा डेस्क कई गुणा बढ़ गए हैं। इससे स्कूलों में हालत यह है कि क्लास रूम डेस्कों से भरे पड़े हैं और बच्चों को खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
प्लान के तहत पिछड़ी पंचायतों के स्कूलों के लिए हर वर्ष विशेष बजट का प्रावधान किया जाता है। आनी और निरमंड के एक हाई तथा 20 सीसे स्कूलों, कुल्लू के थाटीबीड़, छमाहण,बरशैणी, शांघड, शालंग, पिणी,शैंशर स्कूलों को बैकवड़ एरिया सब प्लान के तहत लाखों का बजट मिल रहा है। योजना में खामियों के चलते इसका सदुपयोग नहीं हो पा रहा।
योजना के तहत स्कूल प्रबंधन समिति इस धन का उपयोग सिर्फ ब्लैकबोर्ड और डेस्क खरीद में ही कर सकती है। लोगों का कहना है कि योजना के तहत स्कूल प्रबंधन समिति को कुछ और खरीददारी करने की इजाजत मिलनी चाहिए। शिक्षाविद बाला राम ठाकुर ने कहा कि कई जगह बच्चे कम और डेस्क ज्यादा हो गए हैं। ठाकुर ने कहा कि सरकार और विभाग को चाहिए कि योजना के नियमों में फेरबदल किया जाए।
शिक्षा उपनिदेशक एलीमेंटरी रमेश कुमार विद्यार्थी ने माना कि इस योजना के तहत मिल रहे धन से कई स्कूलों में बच्चे कम और डेस्क ज्यादा हैं। बताया कि वह आगामी बैठक में उच्चाधिकारियों के समक्ष इस विषय को उठाएंगे।

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