कंपनी पर भारी पड़ सकता है अवैध कब्जा

सांगला (किन्नौर)। अवैध कब्जे के मामले में सवा पांच लाख जुर्माना और बांध को तोड़ने के आदेशों के बाद जेपी कंपनी की किरकिरी हो गई। बागा सीमेंट प्लांट के बाद कंपनी पर अवैध रूप से काम करने का यह दूसरा मामला प्रकाश में आया है। जेपी कंपनी ने कड़छम-वांगतू परियोजना के निर्माण के दौरान उप मुहाल रूनंग में करीब साढ़े 12 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा किया था। इस पर राजस्व विभाग ने वर्ष 2010 में एसडीएम कोर्ट में मामला पहुंचाया। गत 19 मार्च को एसडीएम ने अवैध कब्जे के मामले में फैसला सुनाते हुए कंपनी पर सवा पांच लाख का जुर्माना तो लगाया ही, साथ ही कब्जाई जमीन पर बने बांध को तोड़ने के आदेश भी जारी किए हैं। अवैध कब्जे में जेपी कंपनी की दूसरी बार किरकिरी हुई है। इससे पहले बागा सीमेंट प्लांट को लेकर भी कंपनी पर सवाल उठे थे और अदालत ने कंपनी पर करोड़ों का जुर्माना ठोंक दिया था। अब ताजा मामले में बांध तोड़ने के आदेशों के बाद कंपनी के भीतर खलबली मच गई है। किस तरह से इस मामले में बचा जा सके, अधिकारी इसका जवाब तलाश कर रहे हैं। कड़छम-वांगतू प्रोजेक्ट में इस समय उत्पादन चल रहा है। अगर कंपनी को बांध का एक हिस्सा तोड़ना पड़े तो इसको बनाने में अतिरिक्त खर्च तो करना पड़ेगा ही, उत्पादन रुकने से प्रतिदिन करोड़ों का घाटा भी सहन करना पड़ेगा। एसडीएम भावानगर विवेक चौहान ने कार्रवाई की पुष्टि की है। इधर, कंपनी के वरिष्ठ सलाहकार जीएस राठौर ने कहा कि अभी एसडीएम कोर्ट द्वारा सुनाए फैसले की कापी नहीं पहुंची है। कापी मिलने के बाद ही कंपनी अगला कदम उठाएगी।

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