ईएसआई में दवाइयां नहीं

बद्दी (सोलन)। ईएसआईसी उद्योग संघ और श्रमिक नेताओं की बैठक में ईएसआई अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में दवाओं की कमी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया। सदस्यों ने आरोप लगाया गया कि समय पर दवाएं न मिलने के कारण मजबूरन बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। बैठक में श्रमिकों ने बिल भुगतान समय पर न होने की चिंता जताई। ईएसआईसी के निदेशक बीएस नेगी के नेतृत्व में यह बैठक हुई।
भुुड्ड स्थित ईएसआई की कार्यप्रणाली पर जमकर हल्ला बोला गया। उद्योग संघ व मजदूरों ने कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि डिस्पेंसरी में मजदूरों के बिलों का समय पर भुगतान नहीं हो रहा है। स्टाफ प्रतिनियुक्ति पर होने से सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। लिपिक स्टाफ का मात्र एक व्यक्ति सप्ताह में दो दिन ही डिस्पेंसरी में बैठता है। जिससे कामगारों को अपनी जमा कराने के लिए भी महीने लग जाते हैं। बैठक में यहां पर स्थायी नियुक्ति करने की मांग की गई। राज्य से संबंधित कई मुद्दों के लेकर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को बैठक में बुलाने का फैसला लिया है।
बैठक में महासचिव वाईएस गुलेरिया, मनोहर टेकटा, अश्वनी शर्मा, भावना डोगरा, पूनम शर्मा, दलीप शर्मा, संजय भसीन, विपिन गुप्ता, देवरत यादव, अमी चंद चौहान, हिंद मजदूर सभा के प्रदेश अध्यक्ष मेला राम चंदेल, गुरमेल चौधरी, गोपाल चौधरी, निक्का राम, राज कुमार राजू, देशराज, अनिता मित्तल, डा. अरूण कुमार गर्ग, संजीव महाजन, एमएल ठाकुर, एसके सतीजा और सी नेगी ने भाग लिया।

15 हजार से अधिक वाले भी आए दायरे में
वक्ताओं ने 15 हजार से अधिक वेतन लेने वाले कामगारों की भी ईएसआई सी के दायरे में लाने की मांग उठी। संघ के उपाध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि 15 हजार वेतन सीमा को बढ़ा कर 25 हजार कर दिया जाए तथा उसे स्वैच्छिक तौर पर रखा जाए।

हो रही जबरन वसूली!
मजदूर नेता हृदय राम ने कहा कि मजदूरों को अपने रिवरसमेंट बिल व अवकाश के लिए तीन जगह चक्कर काटने पड़ते है जो कि एक दुर्घटनाग्रस्त रोगी के लिए कठिन कार्य है। उन्होंने एक ही स्थान पर सभी औपचारिकताएं पूरी कराने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि जबरन वसूली की शिकायतें भी मिल रही हैं।

मांगों पर होगा विचार: नेगी
ईएसआईसी के क्षेत्रीय निदेशक बीएस नेगी के ने सभी मांगो को ध्यान पूर्वक सुना तथा अपने स्तर पर मांगो को शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया जबकि राज्य व केंद्र स्तर की मांगों के संबंधित अधिकारियों से बातचीत करने का आश्वासन दिया।

Related posts