हल्द्वानी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में चीनी की कटौती की मार झेल रहे उपभोक्ताओं को जून महीने में चीनी नहीं मिलेगी। भारत सरकार ने कुमाऊं के उपभोक्ताओं के लिए अभी तक जून चीनी का एलाटमेंट नहीं हो सका है। दूसरे पखवाड़े तक चीनी का एलाटमेंट होता भी है तो महीने के आखिर तक वितरण संभव नहीं है।
भारत सरकार ने चीनी मिलों का लेबी कोटा खत्म कर दिया है, जिससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए भविष्य में चीनी का संकट गहरा सकता है। सरकार को अब ओपन मार्केट से चीनी खरीदकर ग्राहकों को रियायती दरों पर वितरण करना है। खाद्य विभाग के मुताबिक कुमाऊं में प्रतिमाह 2543.50 मीट्रिक टन चीनी की जरूरत है। अप्रैल और मई के लिए 5230 मीट्रिक टन चीनी का आवंटन महाराष्ट्र से हुआ है। इसमें 2531.800 मीट्रिक टन चीनी महाराष्ट्र के तासगांव सांगली से उठाई गई गई, जबकि सतारा से 2688 मीट्रिक टन चीनी का उठान नहीं हो सका।
आरएमओ नवीन पंत के मुताबिक दो महीनों के लिए कोटे के खपत की तुलना में आधे से कम चीनी का उठान हुआ। इसमें भी 750 मीट्रिक टन चीनी गढ़वाल भेज दी गई। कोटे में कटौती होने से उपभोक्ताओं को 500 ग्राम प्रति यूनिट के बजाए 300 ग्राम यूनिट चीनी वितरण हुई। आरएमओ के मुताबिक जून की चीनी का एलाटमेंट अभी तक नहीं मिला है। यही स्थिति रही तो इस महीने उपभोक्ताओं को चीनी नहीं मिलेगी।