इलाज के लिए घंटों लाइन में लग रहे मरीज

बिलासपुर। लाखों की आबादी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने वाले जिला अस्पताल में मरीजों का मर्ज दूर नहीं हो रहा है। चिकित्सकों की कमी के कारण यहां मरीज घंटों तक ओपीडी के बाहर लाइन में खडे़ रहने को मजबूर हैं। स्टाफ की कमी के कारण चिकित्सकों पर भी अत्याधिक दबाव बढ़ रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को लें तो यहां चिकित्सक के 25 पद स्वीकृत है। इनमें से महज 18 चिकित्सक ही यहां तैनात है। आठ चिकित्सकों के पद खाली चल रहे हैं। पूरे जिला को लें तो चिकित्सकों के 18 पद खाली चल रहे हैं। गनीमत यह है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों को रेफर करना एक मजबूरी सी बन गई है। स्त्री रोग विशेषज्ञ महज एक ही है। वहीं रेडियोलाजिस्ट की कमी के चलते अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन करवाने में दिक्कतें हो रही है। आलम यह है कि अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन करवाने को महीने भर का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। अस्पताल की ओपीडी में भी मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। ओपीडी के बाहर हर रोज मरीजों की लंबी लाइनें लग रही हैं, किंतु चिकित्सक भी क्या करें। एक तो ओपीडी का बोझ उस पर अस्पताल में दाखिल मरीजों की देखरेख। ऐसे में अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह से प्रभावित है। इस वजह से लोग निजी अस्पतालों में जेब ढीली करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। अस्पताल में अपना चैकअप करवाने आए अनिमेश, भविता, तृप्ता देवी, दौलत राम, अनूप कुमार ने कहा कि घंटों तक भी उनका नंबर नहीं लगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोहर कौशल ने माना कि अस्पताल में चिकित्सकों की कमी चल रही है। इस बारे आलाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। सरकार ने भी जल्द चिकित्सकों के पद भरने की बात कही है। लिहाजा, उम्मीद है कि जल्द ही रिक्त पद भरे जाएंगे।

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