इंटरनल विवि बड़ूसाहिब में सेमीनार प्रारंभ

राजगढ़ (सिरमौर)। कलगीधर ट्रस्ट, इंटरनल विश्वविद्यालय एवं ग्लोबल योग एलायंस के संयुक्त तत्वावधान में बडूसाहिब में योग, प्रकृति साम्य एवं समग्रतावादी जीवन शैली दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ मुख्यातिथि पुर्तगाल से आए स्वामी अमृत सूर्यानंद ने किया।
योग, नेचर एंड होलिस्टिक लिविंग विषय पर आधारित इस सम्मेलन में भारत सहित करीब छ: देशों के चालीस शिक्षाविद एवं विद्वान भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम की शुरूआत योगाचार्य शशिपाल ने शंख ध्वनि से की। उसके बाद अकाल स्कूल के बच्चों ने एक शब्द प्रस्तुत किया।
इस मौके पर मुख्यातिथि ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग मानव मात्र को सजगता और संवेदनशीलता के साथ करना चाहिए। विकास की अंधी दौड़ में यदि हम प्राकृतिक संसाधनों जल, जंगल व जमीन का अविवेकपूर्ण ढंग से उपभोग करेंगे तो वह पर्यावरण के लिए ही नहीं अपितु मानव जीवन के लिए भी नुकसानदेह साबित होगा। उन्होंने लोगों का आवाहन किया कि वह प्रकृति के साथ अत्यधिक छेड़छाड़ न करें और जरूरत के अनुसार ही प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करें। प्रकृति का शोषण यदि होगा तो वह पर्यावरण के लिए घातक ही साबित होगा।
इससे पूर्व उन्होंने यहां हर्बल गार्डन में एक पौधे का रोपण भी किया। इसके बाद इंटरनल विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. देवेंद्र सिंह ने कलगीधर ट्रस्ट द्वारा देशभर में विभिन्न स्थानों पर दी जा रही अध्यात्मिक एवं मूल्य आधारित शिक्षा तथा अन्य प्रकल्पों की विस्तृत जानकारी दी। आयोजन के सचिव डॉ. एमपीएस चंद्रावत ने इस मौके पर कहा कि योग केवल शारीरिक क्रिया भर ही नहीं है अपितु यह संपूर्ण विकास का साधन है। उन्होंने कहा कि योगयुक्त भारतीय जीवन शैली समग्र जीवन पर आधारित अंतस व बाह्य प्रकृति का विज्ञान है। सम्मेलन में जर्मन, जापान, पुर्तगाल, स्पेन व अमेरिका से आए विद्वान अपने अनुभव व ज्ञान सांझा करेंगे।
इस दौरान शहीद भगतसिंह के भतीजे अभयसिंह संधू भी आए थे जिन्हें उपकुलपति ने गुलदस्ता देकर सम्मानित किया। इस मौके पर एमपी सिंह, डॉ. एसएम कांत, डॉ. गोपाल, सतेंद्र नारायण व डॉ. एचएस धालीवाल सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

Related posts