शाहतलाई (बिलासपुर)। जिले में लंबे इंतजार के बाद आसमान से बरसीं राहत की फुहारों ने किसानों की मुराद पूरी कर दी है। बारिश से खेतों में नमी होते ही किसानों ने मक्की की बिजाई को कमर कस ली है। कई इलाकों में अभी भी सूखे की स्थिति है, लेकिन मौसम विभाग की भविष्यवाणी के आधार पर किसानों को पूरी उम्मीद है कि अगले एक-दो दिनों में उनके यहां भी मेघ बरसेंगे।
बिलासपुर जिले में लगभग 65 हजार से अधिक परिवार रोजी-रोटी के लिए खेतीबाड़ी पर ही आश्रित हैं। जिले में करीब 27,500 हेक्टेयर भूमि पर मक्की की खेती की जाती है। कृषि विशेषज्ञों ने मक्की की बिजाई के लिए 8 से 15 जून तक के समय को उत्तम बताया है। प्रदेश के अन्य जिलों में पिछले दो-तीन दिनों से बारिश हो रही है, लेकिन बिलासपुर में आसमान से एक बूंद तक नहीं टपकी थी। कई दिनों से सूखे का यह दौर खत्म हो गया है। बुधवार सुबह शाहतलाई समेत जिले में कई स्थानों पर खूब बारिश हुई।
प्रकाश चंद, मस्तराम, शंभूराम, देवराज, देशराज, हरिदत्त, जैसीराम व केडी भारद्वाज आदि का कहना है कि बुधवार सुबह हुई बारिश से खेतों में मक्की की बिजाई के लिए पर्याप्त नमी हो गई है। सब ठीक रहा तो इस बार अच्छा उत्पादन होगा। कुछ स्थानाें पर हलकी बौछारें ही पड़ी। इससे संबंधित इलाकों में अभी भी सूखे जैसी ही स्थिति है। अलबत्ता, अगले दो-तीन दिन बारिश पड़ने संबंधी मौसम विभाग की भविष्यवाणी से इन क्षेत्रों के किसानों ने भी मक्की बिजाई की तैयारी शुरू कर दी है। कृषि उप निदेशक जीसी लखनपाल ने कहा कि खेतों में भरपूर नमी होने पर ही किसानों को मक्की की बिजाई करनी चाहिए। उन्हाेने बिजाई के 48 घंटों के भीतर खरपतवार नाशक दवाई का छिड़काव करने की भी सलाह दी है।