आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों के पैसे नहीं दे रही सरकार, अब मरीजों का इलाज नहीं करेंगे

आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों के पैसे नहीं दे रही सरकार, अब मरीजों का इलाज नहीं करेंगे

हरियाणा के निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत आज दोपहर 12 बजे से इलाज नहीं करेंगे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) हरियाणा की कार्यकारिणी की देर रात हुई ऑनलाइन बैठक में यह फैसला लिया गया है।

इससे पहले, चंडीगढ़ में देर शाम हरियाणा सरकार व आईएमए के प्रदेश प्रतिनिधियों की बैठक में 31 मार्च तक भुगतान किए जाने व इलाज बंद नहीं करने को लेकर सहमति बनी थी। पर अब आईएमए से जुड़े डाॅक्टर पहले बकाया भुगतान की मांग कर रहे हैं। आईएमए हरियाणा के निवर्तमान प्रधान डाॅ. अजय महाजन ने बताया कि सरकार की ओर से तीन बार से सिर्फ भुगतान का आश्वासन ही दिया जा रहा है। पहले सहमति बनी थी पर अब कार्यकारिणी इसके लिए तैयार नहीं है।

मुख्य प्रधान सचिव के साथ बैठक में बनी थी सहमति

चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के साथ तीन घंटे तक चली बैठक में सहमति बनी थी कि सरकार तमाम लंबित बिलों (10 मार्च तक) का भुगतान 31 मार्च तक कर देगी। साथ ही अगले साल के लिए 2500 करोड़ का बजट में अलग से प्रावधान करेगी। सरकार ने आईएमए को आश्वासन दिया था कि अब तक के जितने भी क्लेम के आवेदन लंबित हैं, उनका 28 फरवरी तक अतिरिक्त डाॅक्टर लगाकर निपटारा कर दिया जाएगा।

खुल्लर ने यह भी आश्वासन दिया कि आगे भी फंड की दिक्कत नहीं आएगी और सालों से जो केस लंबित हैं, उनका समाधान करेंगे। बिलों की राशि पर लगने वाले कट को लेकर सहमति बनी कि विशेषज्ञ डाॅक्टर द्वारा मंजूर किए बिल में कट नहीं लगेगा। बैठक में आईएएम के निवर्तमान प्रधान डाॅ. अजय महाजन, आयुष्मान अथॉरिटी की सीईओ संगीता तेतरवाल, वित्त विभाग के एसीएस अनुराग रस्तोगी व स्वास्थ्य विभाग के एसीएस सुधीर राजपाल माैजूद रहे।

शाम को इन पर बनी थी सहमति

-मेडिसन व बाल चिकित्सा संबंधी क्लेम को विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम देखेगी। जो मामले संदिग्ध लगते हैं, उनकी सूचना जल्द अस्पतालों से साझा होगी।
-किसी कारणवश क्लेम राशि में कटौती की गई है, तो अस्पताल उसके कारणों के बारे विस्तृत जानकारी देगा। क्लेम के निरीक्षण के लिए डॉक्टरों को पुनः प्रशिक्षण दिया जाएगा।
-यदि मरीज आयुष्मान के तहत इलाज करवाने का इच्छुक नहीं है तो उसे स्वयं के खर्चे से इलाज का विकल्प मिलेगा।
-क्लेम के लिए अस्पतालों को दूसरी अपील का विकल्प भी मिलेगा। क्लेम राशि का तय समयसीमा में भुगतान हाेगा।सरकार ने जनवरी से लेकर अब तक 195 करोड़ का भुगतान कर दिया है। मांगों को लेकर सहमति बनी है। 31 तक लंबित राशि का भुगतान किया जाएगा। पोर्टल में जो खामियां थी, उनको दुरुस्त कर लिया गया है। लंबित केसों को लेकर मंथन किया गया है। -संगीता तेतरवाल, सीईओ, आयुष्मान भारत।

सरकारी अस्पतालों पर पड़ेगा बोझ

निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत इलाज नहीं किए जाने पर नागरिक अस्पतालों में बोझ बढ़ जाएगा। अकेले अंबाला कैंट व सिटी में पहले ही 2000 से 2500 तक की ओपीडी होती है। अब निजी अस्पतालों से उपचार करवाने वाले मरीज नागरिक अस्पतालों की तरफ रुख करेंगे।

आरोप : देरी से भुगतान में भी कटौती की जा रही

आईएमए के पूर्व प्रधान अशोक सारवाल ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत हमारी ओर से जो भी बिल भेजे जाते हैं, नियमानुसार उनका 15 दिन में भुगतान होना चाहिए। अगर भुगतान में देरी होती है तो ब्याज का प्रावधान है। इसके बाद भी सरकार उन्हें समय पर भुगतान नहीं करती। जो भुगतान किए भी जाते हैं, उनमें भी कटौती होकर मिलती है। ऐसे में अस्पताल संचालकों पर आर्थिक परेशानी बनी हुई है।

20 प्रतिशत ही हुआ भुगतान, लाखों रुपये बकाया

अंबाला छावनी के आईएमए प्रधान डॉ. विवेक मल्होत्रा ने बताया कि सरकार की ओर से अभी तक अस्पतालों को 20 से 25 प्रतिशत ही भुगतान मिला है। अस्पतालों के लाखों रुपये के बिल बकाया हैं। इस कारण आईएमए ने उपचार बंद करने का फैसला लिया है।

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