आधे रास्ते में हांफ गई सरकारी बस

बिलासपुर। आखिर कब तक यात्री खटारा बसों के सहारे अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे। सरकार ने भले ही स्कूली छात्रों के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू की है, लेकिन जब बस ही खराब हो तो उसका क्या फायदा? सरकाघाट डिपो की स्योह-चंडीगढ़ रूट पर चलने वाली बस में रविवार को ऐसा ही नजारा देखने को मिला। बस अपने रूट पर नियमित समय पर चली जरूर, लेकिन परनाल के समीप हांफ गई। बताया जा रहा है कि बस के क्लच में लगी रबड़ किट अचानक खराब हो गई, जिससे ऐसा हुआ। इस वजह से यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पंप आपरेटर पद को लिखित परीक्षा देने बिलासपुर आ रहे युवाओं को टैक्सियां कर पहुंचना पड़ा। वे समय पर परीक्षा केंद्र नहीं पहुंच पाए, वहीं अतिरिक्त खर्चा भी करना पड़ा।
करीब एक घंटा बाद एचआरटीसी ने दूसरी बस भेजी। इससे बिलासपुर, स्वारघाट, किरतपुर और चंडीगढ़ जा रही सवारियों को राहत मिली। हालांकि, मैहरी काथला पंचायत के पूर्व प्रधान एवं सदर मंडल भाजपा अध्यक्ष कुलदीप सिंह ठाकुर ने चालक से बस में आई तकनीकी खराबी का पूरा ब्योरा लेने के बाद सरकाघाट के क्षेत्रीय प्रबंधक से समस्या के बारे में बातचीत की। साथ ही पूछा कि जब पिछले दिन चालक वर्कशाप में आवश्यक कार्य करवाने को बस लगाकर गया था तो मेकेनिकल विंग ने तकनीकी खराबी दूर क्यों नहीं की? उन्होंने निगम के मंडी में तैनात डिविजनल मैनेजर और प्रबंध निदेशक से इसकी जांच मांगी है। उधर, पंप आपरेटर पदों को लिखित परीक्षा देने बिलासपुर जा रहे युवाओं ने परिवहन मंत्री जीएस बाली से मामले में कार्रवाई मांगी है। नितेश, अखिलेश, देवेंद्र, तेजराज, विजय कुमार ने कहा कि बस खराब होने के कारण वह करीब एक घंटा लेट हुए। उन्हें निजी बस में अपनी जेब से खर्चा कर बिलासपुर पहुंचना पड़ा। उधर, सरकाघाट में तैनात क्षेत्रीय प्रबंधक नरेंद्र शर्मा ने बताया कि बस की रबड़ किट खराब होने से यह समस्या आई थी। मेकेनिकल विंग ने बस को ठीक किया था। मरम्मत के बाद कई रूटों पर बस चली भी। बस खराब होते ही वहां दूसरी बस भेजी गई थी।

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