आग से शहर की सुरक्षा राम भरोसे

कमांडेंट होमगार्ड्स कुलदीप शर्मा ने स्थानीय अगिभनशमन केंद्र का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने आग से सुरक्षा के लिए शहर में किए गए उपायों तथा हाइड्रेंट्स की खस्ता हालत पर चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया कि शहर में जिस तरह वाटर हाइड्रेंट्स को ठीक करवाने को लेकर उदासीनता बरती जा रही है, वो कभी भारी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि शहर की संकरी व तंग गलियों में आग से सुरक्षा के लिए वाटर हाइड्रेंट ही कारगर होते हैं। अग्निशमन वाहन न पहुंच पाने के कारण यहां आग पर काबू पाना काफी मुश्किल होता है। शहर में कुल 102 हाइड्रेंट हैं, मगर हैरानी की बात है कि इनमें से सिर्फ तीन में ही प्रेशर से पानी मिल पाता है। बाकी सब बेकार हैं। उन्होंने बताया कि इनमें 98 पुराने समय के हैं और चार नए लगाए गए हैं। सात शहर में ही कहीं दब चुके हैं, दो हाइड्रेंट तो चोरी हो चुके हैं और 25 खराब चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अगिभनशमन विभाग की ओर से संबंधित अथारिटी को लिखित तौर पर अवगत करवा जाया चुका है। इसके बावजूद इनकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा, जो चिंताजनक है। कमांडेंट ने बताया कि खासकर सपड़ी मुहल्ला आग की दृष्टि से सबसे अधिक असुरक्षित है। यहां कोई भी हाइड्रेंट ठीक से काम नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि महज तीन हाइड्रेंट्स के सहारे शहर की सुरक्षा करना मुमकिन नहीं है। करीब सभी हाइड्रेंट्स में प्रेशर की जरूरत होती है, तभी पानी की बौछार हो पाती है।
कुलदीप शर्मा ने बताया कि सर्किट हाउस से लेकर जिला मुख्यालय के कई विभागों में भी आग की सुरक्षा के पुख्ता उपाय नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन सबकी रिपोर्ट एक माह में तैयार की जाएगी और सभी को उचित उपकरण लगाने को लिखा जाएगा। साथ ही उन्होंने शहर की दुकानदारों को भी अग्निशमन यंत्र रखने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि विभाग दुकानदारों को इनके इस्तेमाल के प्रति जागरूक करने के साथ ही प्रशिक्षण भी मुहैया करवाएगा। उन्होंने बताया कि खड़ामुख में प्रस्तावित अग्निशमन केंद्र की भूमि के चयन को लेकर भी वह संबंधित अधिकारियों से पत्राचार करेंगे।

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