दुगड्डा। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की कमी और धीमी गति की नया उदाहरण देखना है तो
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान दुगड्डा इसकी नई मिसाल है।द्घ जिस भवन को तीन साल में बन जाना चाहिए था उसे बनाने में आठ साल लग गए। उस पर भी गुणवत्ता ऐसी कि अभी से दीवारे और फर्श में के दरारें आने लगी हैं। बारिश में छत से पानी रिसने लगता है।
विकास खंड दुगड्डा के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के भवन निर्माण के लिए वर्ष 2005 में 132 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे। यह भवन पिछले साल दिसंबर में कार्यदायी संस्था गढ़वाल मंडल विकास निगम की ओर से संस्थान को हस्तांतरित किया गया। लेकिन अभी से इसकी गुणवत्ता की पोल खुलने लगी है।
स्वच्छता पर नहीं कोई ध्यान
-खोह नदी के किनारे बने इस भवन के चारों ओर सुरक्षा दीवार का निर्माण किया गया है। प्रशिक्षणार्थियों के लिये बने कक्षों में सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। संस्थान ने छात्र-छात्राओं के लिये अलग-अलग शौचालयों का निर्माण किया हैं। सफाई का व्यवस्था के अभाव में स्थिति बदतर हो गयी हैं। ऐसी स्थिति में संक्रामक रोग फैलने की आशंका बनी हुई है।
कोट
-संस्थान के भवन निर्माण में जो भी कमियां हुई हैं उसके संबंध में गढ़वाल मंडल विकास निगम के जीएम को मार्च में ही रिपोर्ट दी जा चुकी है। पुन: रिमाइंडर भेजा जा रहा है। ताकि शेष कार्य समय पर पूर्ण हो जाय। पानी की कमी के कारण शौचालयों में स्वच्छता का अभाव बना रहता है।
-जेपी डोभाल, प्रभारी प्रधानाचार्य, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान दुगड्डा