शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आईजीएमसी) में नए सिक्योरिटी गार्ड तैनात किए जाएंगे। अस्पताल प्रबंधन ने मौजूदा सिक्योरिटी को यहां से हटाने का फैसला लिया है। अस्पताल में बढ़ रही चोरियों और ठगी की घटनाओं को रोक पाने में सुरक्षा गार्ड नाकाम रहे। इतना ही नहीं, डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ आए दिन यहां मारपीट को रोक पाने में भी सिक्योरिटी फिसड्डी साबित हुई है। प्रबंधन के इस फैसले के बाद करीब 108 सुरक्षा कर्मचारियों को यहां से हटाया जाएगा।
हर माह आईजीएमसी की सुरक्षा पर करीब आठ लाख रुपये खर्च किया जा रहा है। लेकिन न तो चोरी और ठगी की वारदातें थम रही हैं और न ही डाक्टरों के साथ मारपीट के मामलों में कमी आ रही है। अस्पताल में हर रोज औसत तीन से चार हजार लोग आते हैं। इनमें मरीज और तीमारदार होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रख पाना संभव नहीं। लिहाजा, प्रबंधन हर वार्ड में सीसीटीवी कैमरे भी लगाने जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस बार भी प्रबंधन किसी निजी सिक्योरिटी एजेंसी को ही सुरक्षा जिम्मा देगा। होमगार्ड को तैनात करने की योजना सिरे से खारिज हो गई है। आईजीएमसी के प्रिंसिपल प्रोफेसर एसएस कौशल ने कहा कि इसके लिए टेंडर कॉल कर दिए गए हैं। जल्द ही प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।