
रोहड़ू। डिसवाणी पंचायत के लोगों ने ग्राम पंचायत में आईआरडीपी के चयन पर सवाल उठाए हैं। एक दर्जन से अधिक लोगों ने डीसी शिमला को ज्ञापन सौंप कर इस संबंध में कार्रवाई का आग्रह किया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का दोबारा सर्वे करवाने की मांग की है।
डिसवाणी पंचायत के लोगों का कहना है कि इस पंचायत में लंबे समय से प्रभावशाली और आर्थिक रूप से संपन्न लोग गरीबों का हक खा रहे हैं। कई सालों से उनके ही नाम आईआरडीपी और बीपीएल की सूची में शामिल हैं। ग्राम वासी पद्म चंद, रोलू राम, दर्शन दास, बलबीर सिंह, योग राज, ज्ञान चंद, हेम राज, सफू राम, मोहन लाल, बर्फू राम, मान सिंह, पिंकू, शिबू, जशपाल और गरबू ने कहा कि उन्हें अभी तक आईआरडीपी की सूची में शामिल नहीं किया गया है। वे कई बार ग्राम सभा में भी आवाज उठा चुके हैं। उन्होंने ग्राम पंचायत मनरेगा विजिलेंस कमेटी के सदस्य विनोद कुमार शिलाल की अध्यक्षता में डीसी शिमला से मुलाकात की है। शिकायत में उन्होंने कहा है कि गरीब लोगों की सूची में उन लोगों को शामिल किया जिनके पास अपने वाहन हैं। कई लोग सरकारी नौकरी में भी सेवाएं दे रहे है। उन्होंने कहा ग्राम सभा में विरोध के बाद भी प्रभावशाली लोगों के नाम हटाने की हिम्मत नहीं की जा रही है। उन्होेंने आग्रह किया है कि आईआरडीपी की सूची में शामिल लोगों के दोबारा पंचायत में सर्वे किए जाएं। छानबीन के बाद प्रभावशाली लोगों को हटा कर सही परिवारों को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन के कदम उठाने से ही गरीब लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।