
हिमाचल प्रदेश के आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने दो साल की मेहनत के बाद कृत्रिम त्वचा विकसित करने में कामयाबी हासिल की है। डिजिटल स्किन तापमान, दबाव और सतह समेत अन्य अनुभव करवाएगी। डिजिटल स्किन स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर श्रीकांत और उनके साथ 12 लोगों की टीम ने बनाई है। किसी हादसे में हाथ गंवा चुके लोगों के लिए यह कारगर साबित होगी। हाथ की जगह रोबोट लगा सकते हैं।