
बिलासपुर। गलत नीयत से एक विवाहिता के मकान में घुसना दो लोगों को महंगा पड़ा। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी गुरमीत कौर की अदालत ने दोनों आरोपियों को अभियुक्त करार देते हुए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत छह-छह माह के कारावास तथा 700-700 रुपये जुरमाने की सजा सुनाई है। जुरमाना अदा न करने पर उन्हें 15-15 दिन के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
जानकारी के अनुसार सदर थानांतर्गत सरड़ गांव का शोभराम व मंगरोट का प्रकाश चंद 13 जनवरी 2001 की मध्यरात्रि एक मकान के परिसर में घुसे। उस समय घर में एक महिला अपने छोटे बच्चे के साथ एक कमरे में सो रही थी, जबकि उसका पति व सास दूसरे कमरे में थे। शोभराम सीढ़ी के माध्यम से मकान की ऊपरी मंजिल पर पहुंचा और खिड़की के माध्यम से घर में घुस गया। प्रकाश चंद घर के बाहर खड़ा रहा। शोभराम ने उस कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया, जिसमें महिला का पति व सास सो रहे थे। उसके बाद महिला के कमरे में घुसकर उसने उसके साथ अश्लील हरकतें शुरू कर दी। महिला ने शोर मचाया। शोर सुनकर उसका पति व सास भी जाग गए, लेकिन कमरा बाहर से बंद होने के कारण वे निकल नहीं पाए। हालांकि महिला ने किसी तरह उस कमरे को खोल दिया, लेकिन इसी बीच शोभराम वहां से भाग निकला।
सहायक लोक अभियोजक चंपा सुरील ने बताया कि महिला की शिकायत पर सदर थाने में मामला दर्ज हुआ था। अदालत में ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल आठ गवाह पेश किए गए। तथ्यों व गवाहों के बयान के आधार पर जेएमआईसी गुरमीत कौर की अदालत ने शोभराम व प्रकाश चंद को अभियुक्त करार देते हुए आईपीसी की धारा 342/34 के तहत छह माह की कैद व 200-200 रुपये जुर्माने तथा धारा 458/34 के तहत छह माह की कैद व 500-500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।