
शिमला। मुख्यमंत्री के निवास हॉलीलाज से करीब डेढ़ सौ मीटर ऊपर जाखू मंदिर रोड के किनारे दो बिल्डरों ने अवैध डंपिंग की है। सर्व मंगल योजना के तहत वार्ड के दौरे पर गई निगम अफसरों की टीम ने दोनों बिल्डरों को अवैध तौर पर मलबा फेंकने के आरोप में नोटिस दिया है। इसके अलावा क्षेत्र में नौ पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। निगम की वन शाखा ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। वन मंडलाधिकारी इंद्रकुमार ने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम में भवन निर्माण से जुड़े लोगों को प्लाट से निकलने वाले मलबे को डंप करने के लिए कई स्थान चिह्नित किए हैं। भवन बनाने वालों से मलबा फेंकने की एवज में नगर निगम फीस वसूलता है। लेकिन कुछ लोग जहां-तहां मलबा फेंक रहे हैं। ऐसे एक मामले का पर्दाफाश मंगलवार को सर्व मंगल योजना के तहत जाखू वार्ड के दौरे पर गए अफसरों ने किया। जाखू मंदिर को जाने वाले मार्ग के किनारे नाले में दो बिल्डरों में भारी मात्रा में मलबा फेंका हुआ है। एक बिल्डर ने 4.32 लाख और दूसरे ने 46 हजार का मलबा फेंका है। निगम ने मलबे के ढेर को देखकर अपनी फीस के मुताबिक प्रारंभिक जांच में यह बात कही है। जाखू में एक बिल्डर होटल तो दूसरा फ्लैट्स बना रहा है। इसके अलावा दो देवदार और सात बान के पेड़ों को भी मौके पर नुकसान पहुंचाया गया है। निगम ने पेड़ों को पहुंचाया गया प्रारंभिक नुकसान सात लाख का आंका है। नगर निगम के वन मंडलाधिकारी इंद्र कुमार ने बताया मामले की जांच शुरू कर दी गई है। दोनों बिल्डरों को नोटिस जारी किए गए हैं।