देश के राष्ट्रपति के शिमला स्थित निवास के दरवाजे आम जनता के लिए खोले जा रहे हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी चाहते हैं कि छराबड़ा स्थित रिट्रीट को न केवल वे, उनका परिवार और मेहमान प्रयोग करें, बल्कि आम लोग भी इस भवन के इतिहास से रूबरू हों।
नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन की तरह इसे भी एक टूरिस्ट प्वाइंट के तौर पर सैलानियों को दिखाया जाए।
राष्ट्रपति की सचिव ओमिता पाल ने शिमला आकर मुख्य सचिव से इस मसले पर बैठक की है। उन्होंने कहा है कि रिट्रीट को नया रूप देने के लिए सीपीडब्ल्यूडी और राज्य सरकार को मिलकर काम करे, ताकि राष्ट्रपति की इच्छा को जल्द पूरा किया जा सके।
प्रणब मुखर्जी 23 मई को जब शिमला आए थे, तो यहीं रुके थे। वर्तमान में इस ऐतिहासिक भवन को साल में केवल दो हफ्ते ही तब खोला जाता है, जब गर्मियों में राष्ट्रपति या उनके परिजन शिमला छुट्टियां बिताने आते हैं।
शहर से करीब 7 मील दूर छराबड़ा में स्थित रिट्रीट में कुल 16 कमरे हैं। कोटी रियासत के राजा ने इस भवन का निर्माण 1840 में कराया था। बाद में इसे भारत सरकार को स्थायी लीज पर सौंप दिया गया।
आजादी के बाद से ही भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान भवन को राष्ट्रपति निवास का दर्जा प्राप्त था। लेकिन 1962 में तत्कालीन राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने जब इसे एडवांस्ड स्टडी के लिए दे दिया तो छराबड़ा के रिट्रीट को राष्ट्रपति निवास बनाया गया।
देश में राष्ट्रपति के कुछ तीन आधिकारिक निवास हैं। राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली, राष्ट्रपति निलयम सिकंदराबाद और रिट्रीट शिमला।
रिट्रीट के साथ प्रियंका वाड्रा का घर
छराबड़ा में राष्ट्रपति निवास रिट्रीट करीब 300 एकड़ जंगल के बीच है। वीवीआईपी सुरक्षा क्षेत्र होने के कारण इसके आसपास भवन निर्माण जैसी गतिविधियों पर रोक है। राष्ट्रपति निवास के बगल में सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका वाड्रा का घर भी बन रहा है। इसके लिए भी केंद्र और राज्य सरकार ने विशेष मंजूरी दी थी।