

लिहाजा इनका पकड़ा जाना बेहद जरूरी है। इसी के मद्देनजर शुक्रवार को हरियाणा पुलिस हेड क्वार्टर में पांच राज्यों और यूटी चंडीगढ़ के पुलिस प्रमुखों एवं आला अधिकारियों की एक विशेष बैठक हुई। जिसमें इन भगोड़ा और बेल जंपरों को पकड़ने की रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता हरियाणा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव ने की।
बैठक में डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता, डीजीपी यूटी चंडीगढ़ संजय बैनिवाल, डीजीपी क्राइम हरियाणा पीके अग्रवाल, एडीजीपी प्रशासन एंड आईटी हरियाणा एएस चावला, डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर राकेश कुमार आर्य और कई अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही डीजीपी हिमाचल प्रदेश सीता राम मरडी, एडीजीपी राजस्थान बीएल सोनी व स्पेशल सीपी दिल्ली प्रवीर रंजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक का हिस्सा बने।
कोरोना वायरस सामान्य होने के बाद शुरू होगा विशेष अभियान
यादव ने सुझाव दिया कि ऐसे अपराधियों से संबंधित सूचनाओं को नए पोर्टल बनाकर उन पर डालने की बजाय पुलिस बलों की मौजूदा आईटी प्रणाली से ही जोड़ा जाए। विचार-विमर्श के दौरान, पुलिस अधिकारियों द्वारा उत्तरी राज्यों में एक महीने का विशेष अभियान चलाकर पीओ, बेल जंपर्स व पैरोल जंपर्स पर शिकंजा कसने का भी निर्णय लिया गया। हालांकि, इसकी शुरुआत कोरोना वायरस के संबंध में सामान्य स्थिति की बहाली के बाद ही की जाएगी।
बैठक में पीओ और बेल जंपर्स की गतिविधियों बारे महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए यह निर्णय लिया गया कि अंतरराज्यीय नाकों को मजबूत किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, संचार और सूचना साझाकरण की प्रणाली में भी सुधार किया जाएगा। इस दौरान पुलिस मुख्यालयों से पीओ और बेल जंपर्स की उचित निगरानी के लिए अलग से एक विंग स्थापित करने का भी सुझाव दिया गया।