
प्रदेश में पहली बार एमबीए की कॉमन प्रवेश परीक्षा होगी। विश्वविद्यालय सहित निजी विवि की सीटें भरने के लिए परीक्षा करवाई जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
राज्य सरकार की ओर यह निर्देश जारी कर दिए गए हैं। विवि परिसर की सीटों से लेकर निजी विश्वविद्यालयों की सीटों के लिए एक ही प्रवेश परीक्षा करवाई जाएगी।
इससे पहले निजी विवि में प्रवेश के लिए परीक्षा नहीं होती थी। इससे कई आधी सीटें खाली जाती थीं। प्रशासन ने इसके लिए प्रोस्पेक्टस बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मई महीने के पहले हफ्ते तक प्रोस्पेक्टस मिल सकेंगे।
इसके बाद प्रशासन टेस्ट की तैयारी शुरू करेगा। विश्वविद्यालय को इससे करीब बारह लाख की आय होगी। निजी विश्वविद्यालयों को भी खाली सीटें भरने का बेहतर मौका मिल सकेगा।
प्रदेश में बारह निजी विश्वविद्यालय चल रहे हैं। इसमें एमबीए की पांच सौ से ज्यादा सीटें हैं। विवि से मान्यता प्राप्त कई कॉलेज एमबीए के कोर्स चला रहे हैं। निजी विश्वविद्यालयों में प्रोफेशनल कोर्स की लगभग पचास फीसदी सीटें खाली रह जाती थी।
इस बार विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा से सभी निजी विश्वविद्यालय को सीटें भरने की उम्मीद है।
आर्थिक तंगी के दौर में विश्वविद्यालय को टेस्ट करवाने के लिए प्रति विश्वविद्यालय और मान्यता प्राप्त संचालकों से एक लाख रुपये की राशि मिलेगी।
इससे पहले सरकार इसे तकनीकी विश्वविद्यालय को देने की कसरत कर रही थी, लेकिन विवि प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए मामले को दोबारा अपने पक्ष में करवा लिया है।
सचिव शिक्षा के संजय मूर्थि ने (ईडीएनटीई)ए(1)9/2012 नंबर से आदेश जारी कर दिए हैं। विश्वविद्यालय के डीन ऑफ स्टडी सुरेश कुमार ने माना कि सरकार की ओर से निर्देश मिल गए हैं। इस टेस्ट की तैयारी शुरू कर दी है।