
रामपुर बुशहर। भवन की मेंटेनेंस, फर्नीचर आदि के लिए सर्वशिक्षा अभियान के तहत मिली राशि को यहां के अधिकांश स्कूल खर्च ही नहीं कर पाए। आखिरकार, सरकार ने स्कूलों को भेजी राशि वापस ले ली है। रामपुर ब्लाक से करीब 40 लाख रुपये प्रदेश सरकार को वापस चले गए। पैसा देने के बावजूद काम नहीं करवाना स्कूल प्रशासन की लापरवाही को साफ दर्शा रहा है।
प्रदेश में प्रत्येक स्कूल को फर्नीचर खरीदने, भवनों और कुर्सियों की रिपेयरिंग, टाट पट्टी खरीदने समेत टीएलएम ग्रांट के रूप में सर्व शिक्षा अभियान के तहत सालाना राशि दी जाती है। जानकारी के मुताबिक हर स्कूल को 15 से 20 हजार रुपये इन कार्यों को मिलते हैं। लेकिन देखने में आया है कि अधिकांश स्कूल राशि खर्च करने में दिलचस्पी नहीं लेते। रामपुर ब्लाक में ही ऐसा वाकया सामने आया है। यहां 101 प्राथमिक, 39 मिडिल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। अधिकांश स्कूलों ने राशि खर्च नहीं की है। इसके चलते रामपुर शिक्षा ब्लाक से करीब 40 लाख रुपये वापस सरकार को चले गए। धनराशि को बच्चों की सुविधा पर खर्च न करने के लिए सीधे तौर पर शिक्षक ही लापरवाह माने जाएंगे। हाल ही में सरकार ने राशि खर्च न करने वाले स्कूलों से पैसे वापस लेने के आदेश किए थे। सरकारी आदेशों के बाद राशि को स्कूल प्रशासन दबाकर भी नहीं रख सकते थे। निरीक्षण में यदि स्कूल भवन की मरम्मत नहीं पाई जाती या फिर नया फर्नीचर, नए टाट पट्टी नहीं मिलते तो स्कूल प्रमुख पर शिकंजा कस जाता। इसलिए राशि वापस लौटने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं था।
सर्वशिक्षा अभियान के बीआरसी बीएस चौहान ने करीब 40 लाख रुपये वापस सरकारी खाते में जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासन की लापरवाही से राशि वापस गई है।